तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने कलैगनर करुणानिधि को याद किया. उन्होंने कहा कि वो हिंदी थोपे जाने के विरोध में इस कॉलेज में आए थे और छात्रों से बहुत सारी बातें की थी. 1986 में इस कॉलेज में हिंदी थोपे जाने के खिलाफ कलैगनर का भाषण आज भी प्रासंगिक है. उन्होंने कहा कि तमिलनाडु का आधार केवल तमिल भाषा है.
उन्होंने कहा कि अलग-अलग तरीकों से तमिल को धमकाया जा रहा है. वे किसी तरह हिंदी थोपने के इरादे से तीन भाषा नीति, नई शिक्षा नीति और NEET लेकर आए. छात्रों को सतर्क रहना चाहिए और सच्चाई को समझना चाहिए.
छात्र क्रांति ने ही तमिल को मजबूत बनाया
उदयनिधि स्टालिन ने कहा कि 1965 में छात्र क्रांति ही तमिल के आज भी मजबूत होने का मुख्य कारण थी. छात्रों की क्रांति ही वह मुख्य कारण है, जिसने हिंदी थोपे जाने को रोका. केंद्र सरकार छात्रों को परेशान करती है, जिसे NEET, NEP और तीन भाषा नीति के साथ हमारी शिक्षा के लिए खतरे के रूप में देखा जाता है. आपको इसके पीछे की सभी साजिशों को समझना होगा.
उन्होंने कहा कि आपके सीनियर ने बिना किसी अवार्ड की उम्मीद के हिंदी थोपे जाने के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी. उनके संघर्ष ने तमिल भाषा की रक्षा की. जूनियर के रूप में उन्हें सम्मानित करने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप इस जिम्मेदारी को आगे बढ़ाएं और नई शिक्षा नीति में तीन भाषा नीति के माध्यम से हिंदी थोपे जाने के खिलाफ लड़ाई जारी रखें.
दुश्मन कभी नहीं जीत पाएंगे
छात्रों से षड्यंत्र को समझने की बात करते हुए उदयनिधि ने कहा कि अगर आप इसे ठीक से समझ गए, तो हमारे दुश्मन कभी नहीं जीत पाएंगे. इससे पहले दिन में उदयनिधि ने परिसर में 4.80 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया 1,000 सीटों वाले कलैगनार ऑडिटोरियम का उद्घाटन किया. इस मौके पर मंत्री सुब्रमण्यम और गोवी. चेझियान, विधायक थायागम कवि, एस. अरविंद रमेश, ए.एम.वी. प्रभाकर राजा और के. गणपति तथा वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.