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केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने हाल ही में अमृतपाल सिंह के नेतृत्व वाले वारिस पंजाब दे संगठन पर गंभीर आरोप लगाए. मंत्री बिट्टू ने रविवार को आरोप लगाया कि ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन से जुड़े कुछ खालिस्तान समर्थक – जिसका प्रमुख अमृतपाल सिंह है, उनकी और पंजाब के अन्य राजनीतिक नेताओं की हत्या की साजिश रच रहे थे.

मंत्री ने दावा किया है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर चैट के लीक हुए स्क्रीनशॉट से साजिश का ‘पर्दाफाश’ हुआ. बिट्टू ने एक बयान में कहा कि केंद्र सरकार ने भी ‘वारिस पंजाब दे’ नेताओं के जरिए रची गई साजिश को गंभीरता से लिया है. उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसे समूहों की गतिविधियां राज्य को उसके काले अतीत की याद दिलाते हुए अस्थिरता की तरफ धकेल रही हैं.

मंत्री ने क्या दावा किया?

मंत्री का दावा है कि व्हाट्सएप चैट के स्क्रीनशॉट से पता लगता है कि राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत खडूर साहिब के सांसद अमृतपाल सिंह की हिरासत को एक और साल के लिए बढ़ाए जाने को लेकर बिट्टू और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को निशाना बनाने के इरादों के बारे में पता लगता है.

पंजाब सरकार ने अमृतपाल की हिरासत को एक साल और बढ़ा दिया है. अमृतपाल (32) फिलहाल असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है. 23 अप्रैल, 2023 को गिरफ्तार होने के बाद उन्हें एनएसए के तहत हिरासत में रखा गया है. अमृतपाल के पिता तरसेम सिंह ने रविवार को एनएसए के तहत अपने बेटे की हिरासत की अवधि बढ़ाने के लिए आप सरकार की आलोचना की. अमृतपाल को एक महीने से अधिक लंबी तलाशी के बाद 23 अप्रैल, 2023 को मोगा के रोडे गांव में गिरफ्तार किया गया था.

AAP को किया टारगेट

मंत्री बिट्टू ने आम आदमी पार्टी को भी टारगेट किया है. उन्होंने कहा, केंद्र राष्ट्रविरोधी ताकतों को पंजाब को अस्थिर करने की अनुमति नहीं देगा. शांति और एकता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए, बिट्टू ने अपने परिवार की बलिदान की विरासत को याद दिलाया.

उन्होंने कहा, “मेरे दादा (बेअंत सिंह) ने पंजाब में शांति के लिए अपनी जान दे दी. मैं शहीदों के परिवार से आता हूं और मैं चरमपंथी धमकियों से नहीं डरता. मैं पंजाब को फिर से अंधेरे में नहीं जाने दूंगा. इस साजिश के पीछे जो लोग हैं, उन्हें परिणाम भुगतना होगा.

अमृतपाल का क्या है केस

अमृतपाल सिंह को एक महीने से ज्यादा लंबी तलाशी के बाद 23 अप्रैल, 2023 को मोगा के रोडे गांव में गिरफ्तार किया गया था. अमृतपाल और उसके साथियों पर एक्शन की वजह 23 फरवरी, 2023 को अमृतसर के अजनाला पुलिस स्टेशन पर हुआ हिंसक हमला था. अपहरण के मामले में हिरासत में लिए गए अमृतपाल के करीबी सहयोगी लवप्रीत सिंह तूफान की रिहाई की मांग करने के लिए उनके हजारों समर्थकों ने तलवारों और बंदूकों से लैस होकर स्टेशन पर हमला कर दिया था. भीड़ ने पुलिस बैरिकेड तोड़ दिए थे, अधिकारियों के साथ झड़प की.

इस घटना के बाद, पंजाब पुलिस ने 18 मार्च, 2023 को अमृतपाल के खिलाफ एक बड़ा अभियान चलाया था. वो एक महीने से ज्यादा समय तक गिरफ्तारी से बचता रहा, जिसके बाद हाई-प्रोफाइल तलाशी अभियान चलाया गया था. अमृतपाल सिंह को 23 अप्रैल, 2023 को मोगा जिले के रोडे गांव में एक गुरुद्वारे से गिरफ्तार किया गया था.

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